Book Review: आषाढ़ का एक दिन (Aashadh ka ek din)
Date - 09/07/2025
Themes: नाटक, कला बनाम भौतिकता, प्रेम और त्याग, प्रकृति और सभ्यता
Characters: कालिदास, मल्लिका
आषाढ़ का एक दिन नाटककार मोहन राकेश द्वारा लिखा गया बहुत प्रसिद्ध नाटक है। इसे आधुनिक युग का पहला नाटक भी कहा जाता है।
इस नाटक की पृष्ठभूमि हिमालय का एक छोटा सा सुंदर गांव है। यह नाटक १०० ईसापूर्व के आसपास घटित हो रहा है।
जैसे नाटक का शीर्षक है, हमारी कहानी आषाढ़ के एक दिन से शुरू होती है। घनघोर वर्षा, सुंदर मौसम, लहलहाते पेड़ फूल पत्तियां, और हमारा परिचय होता है मल्लिका से। वह अभी-अभी बारिश में नहाकर आई है और घर आते ही अपनी माँ से इस आनंद का उल्लेख करती है। परंतु माँ तो मल्लिका के बचपने से बहुत गुस्सा है। हमें पता चलता है कि कालिदास (जो हमारे नाटक का दूसरा मुख्य पात्र है) के प्रति मल्लिका के प्रेम से उसकी माँ नाखुश है। यहाँ माँ और मल्लिका के बीच का जो वार्तालाप है, उसका बहुत ही सुंदर चित्रण किया गया है जो आज भी उतना ही सटीक होगा। जहाँ एक तरफ जवानी का आदर्शवाद है, वहीं बुढ़ापे का यथार्थवाद है।
इसी बीच कवि कालिदास कहानी में प्रवेश करते हैं। वो एक घायल हिरन के बच्चे को लेकर आते हैं जिसे एक राजपुरुष ने बाण मारा है। हमें पता चलता है कि पास के उज्जैयिनी राज्य के आचार्य आए हैं कालिदास को राजकवि बनने का मौका देने। कालिदास इसके सख्त विरोध में हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह सब झूठ और माया है। इसके अलावा कालिदास की प्रेरणा इस गांव के पहाड़, पेड़, पंछी और उसकी प्रेमिका मल्लिका है। परंतु मल्लिका उससे समझाती है कि यह जीवन में पुनः मिलने वाला अवसर नहीं है। नाटक पढ़ते समय हमें पता चलता है कि मल्लिका बहुत दुखी है परंतु वह अपने प्रेम को कालिदास के लिए बाधा नहीं बनने देना चाहती। दूसरी तरफ कालिदास भी उतना ही दुखी है, परंतु अंत में वह मल्लिका की बात मान लेता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
कहानी की शुरुआत और अंत - आषाढ़ के एक दिन से ही होती है। एक तरीके से कहा जाए तो पूरी कहानी अनेक सालों के आषाढ़ के महीनों में घटित हो रही है। सोचने की बात है कि मोहन राकेश ने आषाढ़ ही क्यों चुना। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में आषाढ़ का बहुत महत्व रहा है। ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी और उदासीनता के बाद, आषाढ़ पुनर्जीवन का संकेत लेकर वापस आती है। हर मृत चीज़ जीवित होने लगती है। कहानी पढ़ने पर आप जानेंगे कि कालिदास और मल्लिका के लिए आषाढ़ क्या संकेत लेकर आती है। इस कहानी के संवाद इसकी ताकत हैं। सारे संवाद ऐसे लगते हैं जैसे आपके सामने ही हो रहे हों।